अगापे प्रेम मुझको भरदे प्रभु
मुझको भरदे प्रभु, अगापेठेम से (2) अगापे (3) लेम से भरदो प्रभु, मुझको भरदो प्रभु, अगापेम से चाहे मै कितनी भाषाये बोलू, स्वगर की हो या पृथ्वी की मुझमे प्रेम नही है तो मै झनझनाती झांझ हू मै सारी बातो में धीरज है रखता और सब कुछ सहता है बैरी को माफ करता है ये […]
Read Moreअगर तु मू में रंही
अगर तु मू में रंही मुझींयूं गालींऊ बुदंई जेको घुरी तोखे हो जरूर डींदो हुनुजी इच्छा ऐरी माँ काडे वना मौत के जें आ क्रुस ते हारायो वो बादलन ते ईंदो हालेल्लुया 4 हा… हालेल्लुया 4 धरती अंबर डलजे पर शब्द न हुनजो न डलजे क्रुस के जें आ मौत के हारायो वो बादलन ते […]
Read Moreअंबर भी नया धरती भी नयी
अंबर भी नया, धरती भी नयी, और नया यरुश्शलेम होगा हर सुबह नयी, हर शाम नयी, हर वक्त सुहाना होगा अंधे की आख खूलेगी, बिहरे का कान खूलेगा दौडेगा जोर से लंगडा, गुंगा भी मिहमा गाएगा कष्ट निह, आसू भी नही, बस प्यार लिह प्यार होगा सूरज भी ना डूबेगा, चाँद भी ना सोयेगा कभी […]
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- സർവ്വ സ്തുതികൾക്കും യോഗ്യനേ
- സർവ്വശക്തനാം യേശുവെന്റെ കൂടെ
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